Sunday, March 28, 2021

होली के रंग

पुआ दही बड़ा,गुझिया,गुलाब जामुन,
मटन,कटहल,न जाने कितने तरह के नमकीन
और न जाने कितने तरह की मिठाईयों से
जरा निकल जाना,
इस बार जरा होली रंगों से मनाना...
रसोई तो है तुम्हारे जिम्मे और आजीवन रहेगी
न खाने वालों की न बनानेवालों की इक्षाएँ मिटेंगी,
बस मिटेगा तो ये समय जो तुम्हारे हाथ कल नही लगने वाला,
पूरे साल रहेगी रसोई
बस पूरे साल तुम्हारे चेहरे पर नही ये रंग लगने वाला,
बच्चों की पिचकारी से भीगा लेना अपनी साड़ी,
गालों पे थोड़ा गुलाबी हाथों में पीला
माथे पर तेज लाल लगा लेना,
बस मन को मैला होने से बचा लेना,
परिंदो को कोई कहता नही उड़ जाने को,
तुम स्वयं ही स्वयं को मुक्त कर लेना,
इस बार होली रंगों में लिप्त कर लेना ।।

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प्रेम की सीमाएं

प्रेम में सदैव तय करना सीमाएँ, असीम कुछ भी अस्तित्व में नही होता, वह कल्पना मात्र ही है,यथार्थ से परे, प्रेम में सदैव तय करना सीमाएं, अनुमति...