Monday, December 3, 2018

शब्द लिख देते जो भाव सारे

शब्द लिख देते जो भाव सारे,
प्रफुल्लित मन
और हृदय के घाव सारे,
फिर अश्रुओं का स्थान क्या रह जाता,
लिख डालते जो दर्द सारे
तो फिर भावों का मान क्या रह जाता,

हो जाता है असमर्थ लेखन भी
कुछ भावों को व्यक्त कर पाने में,
कैसे लिखूं ठंड की नरम से धूप
की हल्की गरम नर्माहट,
कैसे लिखूं अंधेरों से झांकते सूरज
की ललिमाओं की हल्की सी आहट,
कैसे लिख दें शब्दों की वर्णमाला
नरम कोमल दुभों पर ओशों के बिखर जाने की चाहत,

शब्द लिख देते जो...

कैसे लिख दूँ, इंतज़ार में ताकते नयन
या फिर मिलान की खुशी के आँसू की चमक
कैसे बाँधू शब्दों में किसी के न होने
और लौट के न आने का गम
कैसे उत्तर दूँ शब्दों ये आंखें नम,
शब्द बेशक बेजान हो जाते हैं कभी कभी,
पर भुला भी दूँ कैसे
शब्द जो उतर जाते हैं दिल मे
शब्द जो बाह जाते हैं आंखों से
शब्द जो कह जाते हैं अनकहे बात सारे..

शब्द जो लिख....
सुप्रिया"रानू"

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