मैं लिख दूँ अपने दिल की तमाम बातें
अगर तुम समझ पाओ तो,
डूब सको मेरी भावनाओं में,
शब्दों में छुपे भाव पढ़ पाओ तो,
मैं लिख दूँ अपने दिल की तमाम बातें,
कह दूँ सारे दर्द,
अगर मेरे शब्दों में छुपे
आँसू छलक जाएं तुम्हारे आंखों में,
भर दूँ अपनी सारी मुस्कुराहटें शब्दों में
अगर वो तुम्हारे अधरों पर बिखर जाएं तो,
शब्दों में छुपे भाव पढ़ पाओ तो...
वो सब बातें जो मैं सम्मुख हो कह नही पाती,
शब्दों में उतार दूँ,
अगर तुम मौन हो सब मेरे मन से समझ सको तो,
वो सारी बंदिशे तोड़ आऊं,
अगर तुम बेझिझक मेरा हाथ थाम पाओ तो,
शब्दों में छुपे भाव पढ़ पाओ तो...
मैं शब्दों में लगा के पर उड़ आऊँ
खुले आसमान में अगर तुम मेरी उड़ान समझ पाओ तो,
मैं शब्दों में खुल के साँसे ले पाऊं,
अगर तुममेर विस्तार समझ पाओ तो,
मैं जी लूँगी एक मनचाही से ज़िन्दगी
अगर तुम मेरे शब्द समझ पाओ तो..
शब्द में छुपे भाव पढ़ पाओ तो..
सुप्रिया "रानू"
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